Sunday, August 23, 2009
रिहाई
आज जब पेपर उठाया तो देखा आठ लोगो पर अपनी कार चङाने वाले .अच्छे आच्ररण के कारण समय के पहले ही रिहा हो रहे है ,उनका चमकता हुआ चहरा मुस्करा रहा था,बहन और माता भी पास खड़ी थी ,मीडिया मैं काफ़ी खीचा तानी मची हुई थी सभी लोग एक झलक पाने के लिए बेकरार थे,कुचले गया लोगो की शायद स्मृति भी कुचल गई है उनके पास पैसा पोस्ट का जैक जो नही था हाँ एक सुंदर चिकना चमकदार चेहरा भी तो न था ,जो चेनलो की टी आर पी को बढाता.मरने वाले साधारण लोग थे ,इतना ज़िक्र भी शायद इस लिए हो गया है kयोंकि गाड़ी चलने वाला था एक आमीर नहीं तो हर रोज़ पहियों के नीचे हजारो लोग आते है ,उनकी लाश तक उठाने के पैसे मांगे जाते हैं ?????
Friday, August 21, 2009
स्लम डॉग से हमको क्या मिला, कुछ उपहास, कुछ सहानुभूति ,कही हमदर्दी के दो बोल , हाँ कई लोग अमीर, हो गए ,पर स्लम के डॉग वहीं के वहीं रह गए हैं ,अभी तक नल के आगे खड़े हैं ,पानी की दो बूंदों के लिए टकटकी लगाये,मीडिया आता है फ्लैश चमकते है फ़िर वही बल्ब की टिमटिमाती रोशनी ;रेड कारपेट ,एक भरे पेट आया सपना सा लगता है , सबमें एक होड़ सी लगी हैं , कितने नोट कमा सकते हैं इन भोली मुस्कानों का कितना फायदा उठा सकते हैं ,स्टिंग ऑपरेशन मैं रूबीना का बोल लगता हैं,आमिर का परिवार टपकती छ्त के नीचे सोता है एक चमकती साइकिल आमिर के पास आ गई है जिसको वो कूङो के पहाडो पर दोड़ता है ,कभी विदेशी तो कभी भारितीय मीडिया झुंड बना कर आता है ,स्लम डोगो का झुंड उसी कूड़े मे पा कर खुश हो जाता है
Thursday, August 20, 2009
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